1

तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

News Discuss 
तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन? वो महफ़िल में तन्हा-तन्हा चिल्ला रहे थे। “तन्हाई बेहतर है झूठे रिश्तों से, कोई साथ न हो https://youtu.be/Lug0ffByUck

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story