होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥ बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना॥ You are https://baglamukhishabarmantra98764.blogdon.net/hanuman-mantra-fundamentals-explained-51599371